Home Haryana News नायब सैनी को CM चेहरे का फायदा:पार्टी के बागी से खतरा; जाट वोट कांग्रेस के पक्ष में गए तो कड़ी टक्कर में फंसेंगे

नायब सैनी को CM चेहरे का फायदा:पार्टी के बागी से खतरा; जाट वोट कांग्रेस के पक्ष में गए तो कड़ी टक्कर में फंसेंगे

नायब सैनी को CM चेहरे का फायदा:पार्टी के बागी से खतरा; जाट वोट कांग्रेस के पक्ष में गए तो कड़ी टक्कर में फंसेंगे

हरियाणा में कुरुक्षेत्र जिले की लाडवा विधानसभा सीट हॉट बनी हुई है, क्योंकि यहां से भाजपा उम्मीदवार और कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी चुनाव लड़ रहे हैं। यह विधानसभा साल 2008 में हुए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई।

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पहले लाडवा थानेसर हलके में आता था। इस सीट पर अभी तक 3 चुनाव हुए हैं। यहां कोई भी पार्टी 2 बार जीत दर्ज नहीं कर पाई है। 2019 विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने वाले मेवा सिंह को कांग्रेस ने दोबारा उम्मीदवार बनाया है।

इनेलो-बसपा की सपना बड़शामी, आम आदमी पार्टी (AAP) से जोगा सिंह और जजपा-असपा गठबंधन के विनोद शर्मा उम्मीदवार हैं।

लाडवा में गर्ल्स कॉलेज और यमुनानगर-पिपली हाईवे पर बाइपास के निर्माण के 2 मुख्य मुद्दे हैं। यहां कुल 1.96 लाख वोटर हैं। जातीय गणित देखें तो यहां सबसे ज्यादा सैनी समाज के वोट हैं। लोगों का मानना है कि मुख्यमंत्री चेहरा होने की वजह से नायब सैनी का माहौल है, लेकिन किसानों में भाजपा के प्रति नाराजगी भी है।

दूसरा, भाजपा के बागी संदीप गर्ग निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। वैश्य समाज और अनुसूचित जाति के वोट अगर संदीप को गए तो इससे भाजपा को नुकसान होगा।

वहीं, मेवा सिंह के सामने एंटी इनकंबेंसी है। लोग उन पर विकास कार्य न कराने का आरोप लगा रहे हैं। मेवा सिंह को प्रदेश में कांग्रेस के पक्ष में बन रही हवा का सहारा है। मेवा सिंह के सामने जाट समाज से आने वाली सपना बड़शामी हैं। अगर जाट वोटों में बराबर का बिखराव हुआ तो इससे भाजपा को फायदा होगा।

3 पॉइंट में समझिए लाडवा का समीकरण

  • लाडवा विधानसभा सीट अभी तक किसी एक पार्टी का गढ़ नहीं रही है। साल 2009 में यहां इनेलो ने जीत दर्ज की थी। तब शेर सिंह बड़शामी से कांग्रेस की कैलाशो सैनी महज 2505 वोट से हारीं। इसके बाद 2014 के चुनाव में भाजपा के पवन सैनी और इनेलो की बचन कौर बड़शामी के बीच कड़ा मुकाबला हुआ और भाजपा 2992 वोट से चुनाव जीत गई। 2019 के चुनाव में कांग्रेस के मेवा सिंह ने भाजपा के पवन सैनी को 12637 वोट से हरा दिया। तीन चुनाव में यही देखने को मिला है कि इस सीट पर मुख्य मुकाबला जाट Vs जाट और जाट Vs सैनी में ही रहा है।
  • नायब सैनी को 40 प्रतिशत ओबीसी वर्ग के अलावा कुछ वैश्य और ब्राह्मण समाज के भी वोट मिल सकते हैं। हालांकि 1.71 प्रतिशत वैश्य समाज के वोट निर्दलीय संदीप गर्ग की तरफ शिफ्ट होना तय है। वहीं 6.71 प्रतिशत वोट वाले ब्राह्मण समाज से जजपा के विनोद शर्मा उम्मीदवार हैं। यहां भी भाजपा को राहत मिलने की उम्मीद कम है।
  • मेवा सिंह और सपना बड़शामी के सामने जाट वोट के बिखराव का खतरा है। ग्राउंड पर कांग्रेस का माहौल तो है, लेकिन मेवा सिंह को लेकर लोग बदलाव की मांग कर रहे हैं। हालांकि कांग्रेस के पक्ष में माहौल होने की वजह से वह सपना बड़शामी के सामने भारी पड़ेंगे।

सैनी 10 साल के विकास और अपने कार्यकाल पर वोट मांग रहे नायब सैनी 2014 में नारायणगढ़ से विधायक बने थे। 2019 में वह कुरुक्षेत्र से सांसद बने। 2024 में लोकसभा चुनाव के पास भाजपा ने पहले उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाया, इसके बाद मुख्यमंत्री बना दिया। चूंकि नायब सैनी कुरुक्षेत्र से सांसद रह चुके हैं, इसलिए लाडवा उनके लिए कोई नई जगह नहीं है। 14 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुरुक्षेत्र में रैली करके गए हैं।

उनके चुनाव प्रचार के लिए केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्‌टर, प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली आ चुके हैं। मुख्यमंत्री चेहरा होने की वजह से वह खुद प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में प्रचार में जुटे हैं। इसलिए लाडवा में उनकी पत्नी सुमन सैनी ने प्रचार की बागडोर संभाली हुई है।

सैनी भाजपा के 10 साल के कार्यकाल में हुए विकास कार्यों, बिना पर्ची और बिना खर्ची के नौकरियों के नाम पर वोट मांग रहे हैं। इसके अलावा, वह अपनी सभाओं में मुख्यमंत्री कार्यकाल में लिए गए फैसलों को भी गिना रहे हैं।

मेवा सिंह किसानों और रोजगार को मुद्दा उठा रहे

कांग्रेस उम्मीदवार मेवा सिंह के प्रचार के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा और रोहतक से सांसद दीपेंद्र हुड्‌डा आ चुके हैं। मेवा सिंह जनता से रोजगार, महंगाई, किसानों के मुद्दे और सरकार आने पर गर्ल्स कॉलेज, यमुनानगर से पिपली तक हाईवे, शहर से बाहर बाइपास बनवाने और ट्रामा सेंटर बनवाने के नाम पर वोट की अपील क रहे हैं।

इसके अलावा, वह ग्राउंड पर यह कह रहे हैं कि पिछले 5 साल राज्य में कांग्रेस की सरकार न होते हुए भी अपने हलके के विकास कार्यों को लेकर लगातार आवाज उठाई है।

सपना ससुर के नाम पर ग्राउंड पर एक्टिव इनेलो-बसपा की उम्मीदवार सपना बड़शामी पूर्व विधायक शेर सिंह बड़शामी की पुत्र वधू हैं। शेर सिंह बड़शामी पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला के करीबी रहे हैं और जेबीटी घोटाले को लेकर उनके साथ जेल में भी रहे हैं। शेर सिंह बड़शामी 2009 में इनेलो के टिकट पर विधायक बने थे। इसके बाद वह जेल चले गए तो उनकी पत्नी बचन कौर बड़शामी ने चुनाव लड़ा और वह दूसरे नंबर पर रहीं। 2019 विधानसभा चुनाव में सपना ने चुनाव लड़ा और तीसरे नंबर पर रहीं थीं।

अब ग्राउंड पर सपना ससुर के कार्यकाल, बाइपास बनावने और कांग्रेस-भाजपा की सरकारों के कार्यकाल में किसानों और कर्मचारियों पर अनदेखी का आरोप लगा रही हैं।

संदीप गर्ग समाज सेवा के नाम पर वोट मांग रहे निर्दलीय उम्मीदवार संदीप गर्ग के नाम की भी ग्राउंड पर चर्चा है। वह भाजपा से टिकट की मांग कर रहे थे, लेकिन भाजपा ने नायब सैनी को यहां से उम्मीदवार बना दिया। इसके बाद वह बागी हो गए और निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल कर दिया। इसके बार नायब सैनी ने गर्ग को मनाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने अपना नामांकन वापस नहीं लिया।

संदीप गर्ग लाडवा में लंबे समय से समाज सेवक के रूप में काम कर रहे हैं। लाडवा में उन्होंने अन्नपूर्णा रसोई सेवा चला रखी है, जहां रोजाना करीब 4 हजार लोग निशुल्क भोजन ग्रहण करते हैं। वह रोटरी क्लब व अग्रवाल सभा के सदस्य भी हैं। ग्राउंड पर अब वह अपनी समाज सेवा के नाम पर वोट मांग रहे हैं।

क्या कहते हैं लाडवा के वोटर….

पैतृक गांव में नायब के पक्ष में माहौल

नायब सैनी के पैतृक गांव सैनी माजरा के रहने वाले जगदीश लाल ने बताया कि इस बार मुद्दे ठीक हैं। हमारी फसल टाइम पर बिक रही है और विकास भी हुआ है। कांग्रेस के विधायक ने यहां पर कुछ नहीं करवाया।

राजेश ने बताया कि पिछले विधायक ने यहां पर कभी अपनी शक्ल भी नहीं दिखाई, हम काम को देखकर वोट करेंगे।

धर्मपाल ने बताया कि 40 साल पहले नायब सैनी के पिता तेलूराम गांव छोड़कर नारायणगढ़ चले गए थे और वहीं पर नायब सैनी का जन्म हुआ। हमारे गांव का बच्चा आज सीएम है। सरकार ने काम अच्छा किया है। फसलों पर MSP भी बढ़ाया गया है।

मुकेश कुमार ने बताया कि न तो बेरोजगारी है और न ही अग्निवीर का कोई मुद्दा है। हम सीएम फेस को देखकर ही वोट करेंगे।

प्रदीप बोले- दोबारा सीएम नहीं बनेंगे सैनी खेड़ी गांव के प्रदीप कुमार ने बताया कि हमारे यहां पर मेवा राम का माहौल चला हुआ है। हम भाजपा के खिलाफ वोट करेंगे। इनकी नीतियां खराब हैं। हालांकि सीएम खुद चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन भाजपा ने तीन महीने पहले ही उन्हें सीएम बनाया था। पता नहीं उन्हें दोबारा बनाया जाएगा या नहीं। अब मुख्यमंत्री का पद तो अनिल विज भी मांग रहा है। भाजपा किस-किस को सीएम पद देगी। हम ऐसा विधायक चाहते हैं जो जमींदार के लिए काम करे।

अशोक ने कहा- भाजपा ने जमींदारों के लिए कुछ नहीं किया बोड़ला गांव के अशोक कुमार ने कहा कि हमारे यहां पर मेवा सिंह का माहौल है। मुख्यमंत्री तो कभी नारायणगढ़ से खड़ा हो जाता है, तो कभी करनाल से। अब लाडवा से खड़ा कर दिया। भाजपा ने जमींदारों के लिए कुछ नहीं किया।

सोमचंद बोले- सैनी से लोगों को उम्मीद दुकानदार सोमचंद ने बताया कि मुझे नहीं पता कि किसकी सरकार बनने वाली है, लेकिन हमें सीएम सैनी मजबूत दिखाई दे रहे हैं, क्योंकि उसको 10-15 प्रतिशत वोट तो सीएम के नाम पर ही मिल जाएंगे। लाडवा में भाजपा और कांग्रेस के बीच आमने सामने की टक्कर दिखाई दे रही है।

सीएम नायब सैनी कांग्रेस के प्रत्याशी पर भारी पड़ते हुए नजर आ रहे हैं। यहां ओबीसी वोट बैंक उनके पक्ष में है। सबसे ज्यादा वोट सैनी समाज से हैं। लोगों को उनसे उम्मीद है कि वे सत्ता में आते हैं तो शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य मुद्दों को पूरा करेंगे।

वरिष्ठ पत्रकार बोले- कांटे की टक्कर होगी कुरुक्षेत्र के वरिष्ठ पत्रकार विजय सबरवाल ने कहा कि लाडवा सीट पर सीएम नायब सैनी की राह इतनी भी आसान नहीं है, क्योंकि कांग्रेस के मेवा सिंह मजबूत स्थिति में हैं। अगर शेर सिंह बड़शामी की पुत्र वधू सपना 10 से 15 हजार तक वोट लेकर आती हैं तो भी मेवा सिंह जीत रहे हैं। अगर उनकी वोट का आंकड़ा 20 हजार के पार जाता है तो सीएम नायब सैनी सीट निकाल जाएंगे।

नायब सैनी को इस सीट पर JJP के विनोद शर्मा, AAP के जोगा सिंह और निर्दलीय संदीप गर्ग से नुकसान होगा। मौजूद समय में यहां पर कांटे की टक्कर दिख रही है।

कांग्रेस उम्मीदवार विनेश फोगाट की जुलाना सीट की ग्राउंड रिपोर्ट पढ़ें :-

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हरियाणा में जींद की जुलाना विधानसभा सीट इस बार के चुनाव में सुर्खियों में है। इसकी वजह रेसलर विनेश फोगाट हैं। सोशल मीडिया पर विनेश फोगाट का खूब माहौल है, लेकिन ग्राउंड लेवल पर यह पूरी तरह खरा नहीं उतरता। लोग विनेश को मजबूत तो मानते हैं, लेकिन उसकी बड़ी वजह यहां की दोहरी एंटी इनकंबेंसी है। भाजपा की 10 साल की सरकार और मौजूदा JJP विधायक से लोग नाराज हैं। पूरी खबर पढ़ें…

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