Home Haryana News कांग्रेस के हरियाणा में 7 वादों का एनालिसिस:यूथ-महिलाओं समेत डेढ़ करोड़ वोटर्स साधे, 30 हजार करोड़ का बोझ, बजट का 15% पैसा लगेगा

कांग्रेस के हरियाणा में 7 वादों का एनालिसिस:यूथ-महिलाओं समेत डेढ़ करोड़ वोटर्स साधे, 30 हजार करोड़ का बोझ, बजट का 15% पैसा लगेगा

कांग्रेस के हरियाणा में 7 वादों का एनालिसिस:यूथ-महिलाओं समेत डेढ़ करोड़ वोटर्स साधे, 30 हजार करोड़ का बोझ, बजट का 15% पैसा लगेगा

दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मेनिफेस्टो जारी किया। उनके साथ पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्‌डा, केसी वेणुगोपाल समेत अन्य नेता मौजूद हैं।

कांग्रेस ने हरियाणा में 7 वादे कर करीब 1.5 करोड़ वोटरों काे साधने का प्रयास किया है। अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो इन वादों को पूरा करने के लिए खजाने पर अच्छा खासा बोझ पड़ेगा। अनुमान के मुताबिक कांग्रेस के इन वादों से करीब 30 हजार करोड़ रुपए सालाना क

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फरवरी में खट्‌टर सरकार की तरफ से साल 2024-25 के लिए कुल 1 लाख 89 हजार 876 करोड़ बजट पेश किया गया था। ऐसे में अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो बजट का लगभग 15% पैसा किए गए वादों पर खर्च होगा।

हालांकि मेनिफेस्टो जारी करते वक्त कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हमने सारे वादे बजट को देखते हुए किए हैं।

अब पढ़िए 7 गारंटियों का एनालिसिस…

60 लाख महिला वोटरों पर फोकस हरियाणा कांग्रेस ने महिलाओं पर फोकस किया है। पहले वादे के तहत हरियाणा में 18 से 60 साल उम्र की महिलाओं को हर महीने 2000 रुपए दिए जाएंगे। इस ऐलान से कांग्रेस ने प्रदेश की करीब 60 लाख महिला वोटरों को साधने की कोशिश की है।

इस पर करीब 1440 करोड़ रुपए का सालाना खर्च आएगा। इसी गारंटी के दूसरे पॉइंट में कांग्रेस ने 500 रुपए में महिलाओं को सिलेंडर देने का वादा किया है।

अभी हरियाणा में करीब 46 लाख ऐसे परिवार हैं, जिन्हें सरकार 500 रुपए में घरेलू गैस का सिलेंडर दे रही है। इस पर करीब 230 करोड़ रुपए का हर महीने खर्च आ रहा है। इसका सालाना खर्च 2 हजार 700 करोड़ रुपए है।

यानी पहली गारंटी को पूरा करने पर 4140 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा।

2. पेंशन बढ़ाने पर 20 हजार करोड़ ​​​​​बोझ पड़ेगा दूसरी गारंटी में कांग्रेस ने बुढ़ापा, दिव्यांग और विधवा पेंशन 6000 रुपए हर महीने देने का वादा किया है। अभी वर्तमान में सामाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभ 35 लाख से भी अधिक लोग ले रहे हैं। अभी इस योजना के तहत पेंशन लाभार्थियों को 3000 रुपए मासिक दिए जा रहे हैं। जिस पर करीब 10 हजार करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं।

कांग्रेस ने पेंशन को दोगुना यानी 6000 रुपए मासिक देने का वादा किया है। ऐसे में कांग्रेस की सरकार आने पर पेंशन पर करीब 20 हजार करोड़ रुपए बोझ पड़ेगा।

3. हिमाचल की तरह OPS देने का वादा कांग्रेस ने ढाई लाख कर्मचारियों को भी साधने की कोशिश की है। ये कर्मचारी ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को लेकर पिछले एक साल से आंदोलनरत हैं। इसके लिए कर्मचारियों के एक गुट ने OPS संघर्ष मोर्चा भी बनाया हुआ है। लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी को कर्मचारियों की नाराजगी का सामना करना पड़ा था।

हिमाचल प्रदेश में 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को ओपीएस के चक्कर में ही करारी हार का सामना करना पड़ा था। हिमाचल हरियाणा का सीमावर्ती स्टेट है, इसलिए कांग्रेस चाहती है कि यह मुद्दा हरियाणा के चुनाव में भी प्रभावी हो। यही वजह है कि कांग्रेस ने इसको अपने मेनिफेस्टो में लागू किया है।

4. फ्री बिजली पर खर्च होंगे 2500 करोड़ हरियाणा में कांग्रेस ने 300 यूनिट फ्री बिजली का भी दांव चला है। प्रदेश में करीब 45 लाख घरेलू बिजली कनेक्शन हैं। अभी बिजली का करंट टैरिफ 2500 करोड़ रुपए सालाना है। इसके अलावा हर साल 4 प्रतिशत की करंट टैरिफ पर बढ़ोतरी भी होती है।

जानकारों का कहना है कि कांग्रेस की इस घोषणा से हर साल 300 से 400 करोड़ रुपए का प्रदेश के खजाने पर बोझ पड़ेगा।

वहीं राजस्थान की पूर्व अशोक गहलोत सरकार की तर्ज पर हरियाणा में भी कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में चिरंजीवी योजना लागू करने का वादा किया है। इस योजना के तहत लोगों का 25 लाख रुपए का फ्री में इलाज किया जाएगा।

5. दो लाख नौकरियों से 11.2% को साधने की कोशिश हरियाणा में बेरोजगारी मुद्दा चर्चा में है। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में युवाओं को साधने के लिए 2 लाख पक्की नौकरी देने का वादा किया है। केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार, हरियाणा के शहरी क्षेत्रों में 15 से 29 वर्ष के युवाओं की बेरोजगारी दर 11.2% फीसदी है। 2023 में हरियाणा में 37 फीसदी लोग बेरोजगार थे।

चुनाव में हमेशा से ही बेरोजगारी बड़ा मुद्दा रहता है। ऐसे में कांग्रेस ने इस बेरोजगार आबादी को सीधे-सीधे टारगेट किया है।

इसके अलावा हरियाणा में नशा भी बड़ा मुद्दा है। 2021 में नशा करने वाले लगभग 95,863 लोग अस्पताल की ओपीडी में पहुंचे थे, जिसमें से 28,283 महिलाएं थी। अब संख्या करीब 2 लाख पहुंच गई है।

6. किसानों के लिए एमएसपी गारंटी कानून हरियाणा में करीब 80% आबादी किसानी से जुड़ी हुई है। 2020-21 में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने आंदोलन किया था। इन कानूनों को निरस्त कर दिया गया था। इस दौरान केंद्र की सरकार ने किसानों से वादा किया था कि वह एमएसपी पर कानूनी गारंटी को लेकर कानून बनाएंगे। इसको लेकर एक कमेटी भी बनाई गई थी, लेकिन अभी तक कमेटी इस पर कोई फैसला नहीं दे पाई है। ऐसे में कांग्रेस ने एमएसपी को कानूनी गारंटी के दायरे में लाकर बड़ा दांव खेला है।

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने आंदोलन किया था। सरकार ने 14 महीने बाद तीनों कृषि कानून वापस लिए थे।- प्रतीकात्मक तस्वीर

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने आंदोलन किया था। सरकार ने 14 महीने बाद तीनों कृषि कानून वापस लिए थे।- प्रतीकात्मक तस्वीर

7. क्रीमी लेयर के जरिए साधे 16% वोटर कांग्रेस ने अपनी 7वीं गारंटी में जातिगत सर्वे का वादा किया है। हालांकि लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने इसे शामिल किया था। इसके माध्यम से कांग्रेस जातियों, उपजातियों और उनकी आर्थिक-सामाजिक स्थिति का पता लगाएगी। कांग्रेस शिक्षा एवं नौकरियों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को मिलने वाले 10% आरक्षण को बिना किसी भेदभाव के सभी जाति और समुदाय के लोगों के लिए लागू कराने का वादा कर रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि हरियाणा में करीब 21% दलित वोटर हैं।

वहीं इसी गारंटी में कांग्रेस ने क्रीमी लेयर की लिमिट 10 लाख रुपए करने की बात भी शामिल की है। अभी हरियाणा में इसकी लिमिट 8 लाख रुपए के करीब है। इस क्रीमी लेयर का मतलब ओबीसी का अपेक्षाकृत समृद्ध और शिक्षित वर्ग है। अभी इस वर्ग के लोगों को सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण का लाभ नहीं मिलता है। आरक्षण का लाभ वंचित वर्ग के लोगों को मिले, इसके लिए क्रीमी लेयर का प्रावधान किया गया है। हरियाणा में इसकी आबादी करीब 16% है।

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हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने बुधवार (18 सितंबर) को मेनिफेस्टो जारी कर दिया। दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसे रिलीज किया। इसमें कांग्रेस ने 7 पक्के वादे किए हैं। खड़गे ने बताया कि मेनिफेस्टो 53 पन्नों का है। इसके बारे में विस्तार से चंडीगढ़ में बताएंगे। (पूरी खबर पढ़ें)

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हरियाणा चुनाव के बीच कांग्रेस में CM कुर्सी को लेकर मची खींचतान पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। बुधवार को खड़गे ने दिल्ली में कांग्रेस का मेनिफेस्टो जारी किया। जिसके बाद उनसे पूछा गया कि क्या कांग्रेस CM फेस लेकर चुनाव में जाएगी?। (पूरी खबर पढ़ें)

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