Home Haryana News कौन बना था दिल्ली का पहला मुख्यमंत्री, किस सीएम ने 49 दिन में दिया इस्‍तीफा?

कौन बना था दिल्ली का पहला मुख्यमंत्री, किस सीएम ने 49 दिन में दिया इस्‍तीफा?

कौन बना था दिल्ली का पहला मुख्यमंत्री, किस सीएम ने 49 दिन में दिया इस्‍तीफा?

GK Quiz, Delhi cm list: दिल्‍ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया है. अब उनकी जगह आम आदमी पार्टी की आतिशी को सीएम बनाया जा रहा है. वह जल्‍द ही दिल्‍ली के सीएम के रूप में नजर आएंगी. ऐसे आइए डालते हैं दिल्‍ली के मुख्यमंत्रयों की लिस्‍ट पर. आइए जानते हैं कि सबसे पहले दिल्‍ली की कमान किस नेता को मिली थी? आखिर किसे बनाया गया था दिल्‍ली का पहला मुख्यमंत्री?

कौन बना था दिल्‍ली का पहला सीएम
तो सबसे पहले इस सवाल का जवाब जानते हैं कि दिल्‍ली का पहला सीएम कौन बना था? तो आपको बता दें कांग्रेस के चौधरी ब्रह्म प्रकाश को दिल्ली का पहला मुख्यमंत्री बनाया गया था. दिल्‍ली में पहली बार 1952 में चुनाव कराए गए. हालांकि चुनावों के बाद देशबंधु गुप्‍ता को मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा की गई थी, लेकिन प्‍लेन क्रैश में उनकी मृत्यु हो गई. जिसके बाद चौधरी ब्रह्म प्रकाश को दिल्‍ली का सीएम बनाया गया. वह स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी थे. आजादी आंदोलन में वह कई बार जेल भी गए थे. 16 जून 1918 को जन्‍में चौधरी ब्रह्म प्रकाश 17 मार्च 1952 से लेकर 12 फरवरी 1955 तक दिल्‍ली के सीएम के पद पर रहे. वह दिल्‍ली के शकूरपुर के रहने वाले थे.

गुरुमुख निहाल सिंह बने थे दूसरे सीएम
1952 के आम चुनाव में सरदार गुरुमुख निहाल सिंह को दिल्‍ली विधानसभा का सदस्‍य चुना गया था. 7 मई 1952 को वह विधानसभा अध्‍यक्ष भी बने. गुरुमुख निहाल सिंह को 12 फरवरी 1955 से एक नवंबर 1956 तक दिल्‍ली के सीएम के पद पर रहे. उन्‍होंने लंदन विश्वविद्यालय से बीएससी (अर्थशास्त्र) की पढ़ाई की थी. इसके बाद 1920 में बनारस हिन्‍दू विश्वविद्यालय (BHU) में बतौर प्राध्‍यापक नियुक्‍त हुए थे. बाद में वह 1950 में दिल्‍ली के श्रीराम कॉलेज के प्राचार्य भी रहे.

1956 से 1993 तक पद कोई नहीं रहा सीएम
वर्ष 1956 से दिल्‍ली के मुख्यमंत्री का पद समाप्‍त कर दिया गया. 1956 में दिल्‍ली विधानसभा को भंग कर दिया गया और इसे केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर दिया गया. 1966 में दिल्‍ली को महानगर पालिका का दर्जा दे दिया गया. वर्ष 1991 में संविधान में संशोधन करके इसे राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र घोषित किया गया. परिसीमन के बाद फिर से विधानसभा गठित की गई. 1991 में 69वें संविधान संशोधन में दिल्‍ली को 70 सदस्‍यों वाली विधानसभा बनाने की मंजूरी दी गई. इसमें 12 सीटें अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित की गईं.

1993 में मदनलाल बने सीएम
इसके बाद जब चुनाव हुए तो 2 दिसंबर 1993 को मदनलाल खुराना दिल्‍ली मुख्यमंत्री बने. वह 26 फरवरी 1996 तक इस पद पर रहे. मदन लाल खुराना के बाद भाजपा के साहिब सिंह वर्मा को सीएम बनाया गया. वह 26 फरवरी 1996 से 12 अक्‍टूबर 1998 तक दिल्‍ली के सीएम रहे. इसके बाद भाजपा की सुषमा स्‍वराज को सीएम बनाया गया वह 3 दिसंबर 1998 तक इस पद पर रहीं. अगले चुनाव में कांग्रेस की शीला दीक्षित को दिल्‍ली की कमान मिली. वह 28 दिसंबर 2013 तक यहां की सीएम रहीं.

49 दिन में किस सीएम ने छोड़ा पद
शीला दीक्षित के बाद अन्‍ना आंदोलन से निकले अरविंद केजरीवाल की पार्टी आम आदमी पार्टी सत्‍ता में आई और केज‍रीवाल दिल्‍ली के नए मुख्यमंत्री बने. वर्ष 2013 के चुनाव में केजरीवाल की पार्टी ने 70 में से 28 सीटें जीतीं और कांग्रेस के समर्थन से सरकार बना ली, लेकिन महज 49 दिन में ही उन्‍होंने अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया. इसी के साथ वह अब तक के सबसे छोटे कार्यकाल वाले सीएम भी बन गए, हालांकि फरवरी 2015 के चुनाव में उन्‍होंने 67 सीटें जीतीं और दोबारा सीएम बने. इसके अगले चुनाव 2020 में भी वह चुनाव जीते और अब तक मुख्यमंत्री के पद पर थे, लेकिन अब उन्होंने पद से इस्‍तीफा दे दिया. अब उन्‍हीं की पार्टी की आतिशी को दिल्‍ली की कमान दी गई है.

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