Home Politics मुझे मारना चाहते हैं; गुजरात से यूपी लाते वक्त माफिया अतीक अहमद ने जताई थी हत्या की आशंका

मुझे मारना चाहते हैं; गुजरात से यूपी लाते वक्त माफिया अतीक अहमद ने जताई थी हत्या की आशंका

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गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की शनिवार रात को तीन हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। यह घटना उस वक्त हुई जब पुलिस दोनों का मेडिकल कराने के लिए प्रयागराज मेडिकल कॉलेज पहुंची थी। यूपी के सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने घटना की उच्‍च स्‍तरीय जांच के आदेश जारी किए हैं। वहीं, घटना के बाद यूपी के सभी जिलों में धारा-144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। यूपी पुलिस अतीक को गुजरात की साबरमती जेल से कस्टडी में लगाई थी। 

सही नहीं है इनकी नीयत 

मालूम हो कि वारंट पर प्रयागराज लाए जाने के दौरान अतीक ने अपनी जान को खतरा बताया था। साबरमती जेल से बाहर निकलने के बाद अतीक ने मीडियाकर्मियों से कहा था कि ये लोग (पुलिस) मुझे ले जा रहे हैं। इनकी नीयत सही नहीं है। ये परेशान करना चाहते हैं। मुझे मारना चाहते हैं। मेरी हत्या करवा दी जाएगी। इस दौरान अतीक के चेहरे पर भय साफ देखा जा सकता था।

अब तो बस रगड़ा जा रहा

एक वक्त था जब यूपी में लोग अतीक के खौफ और आतंक से सहम जाते थे। अतीक के खौफ का आमल यह था कि लोग उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत तक दर्ज कराने से बचते थे। गुजरात से लाए जाने के दौरान जब अतीक का काफिला राजस्थान के बूंदी जिले में पहुंचा था तब उसने मीडियाकर्मियों से कहा था कि हमारा परिवार पूरी तरह से बर्बाद हो गया। कोई माफियागिरी पर सवाल कर रहा था तो मेरा कहना है कि माफियागिरी तो पहले ही समाप्त हो गई। अब तो बस रगड़ा जा रहा है।

उमेश पाल की हत्या के 51वें दिन अंत

मालूम हो कि अतीक के बुरे दिनों की शुरुआत उमेश पाल हत्याकांड से हो गई थी। बीते 24 फरवरी को करीब चार शूटरों ने उमेश पाल की दिनदहाड़े हत्या कर दी थी। इस घटना में अतीक और उसके गुर्गों का नाम सामने आया। उमेश पाल राजू पाल हत्याकांड के इकलौते जीवित गवाह थे। साल 2005 में बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसमें अतीक और उसके भाई अशरफ को नामजद किया गया था। 

अतीक के लिए बेहद भारी रहे 51 दिन 

उमेश पाल की हत्या के 51वें दिन अतीक के साथ जनलेवा वारदात हुई। ये 51 दिन उसके कुनबे और उसकी गैंग के लिए कयामत वाले दिन साबित हुए। इस दौरान अतीक को दो बार वह साबरमती जेल से प्रयागराज लाया गया। इसी दौरान उसको उम्रकैद की सजा सुनाई गई। यही नहीं इन्हीं दिनों में तीसरे नंबर का बेटा असद भी एनकाउंटर में मारा गया। आखिरकार तीन बदमाशों ने शनिवार को रात करीब 10 बजे पुलिस कस्टडी में अतीक और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी।

सुप्रीम कोर्ट में लगाई थी गुहार 

मालूम हो कि उमेश पाल की पत्नी जया पाल की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर 25 फरवरी को अतीक अहमद, अशरफ, अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन और उसके दो बेटों के अलावा गुड्डू मुस्लिम और गुलाम समेत नौ अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। अतीक अहमद ने सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी। अतीक ने अपनी याचिका में आशंका जताई थी कि यूपी पुलिस उसे फर्जी मुठभेड़ में उसकी हत्या कर सकती है। 

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