Home Uncategorized रोहतक में जिला पार्षद और चेयरपर्सन आमने-सामने:मंजू हुड्डा बोलीं- बिना एजेंडा कैसे होगी मीटिंग, सरकार को भेजी 188 कार्यों की लिस्ट

रोहतक में जिला पार्षद और चेयरपर्सन आमने-सामने:मंजू हुड्डा बोलीं- बिना एजेंडा कैसे होगी मीटिंग, सरकार को भेजी 188 कार्यों की लिस्ट

रोहतक में जिला पार्षद और चेयरपर्सन आमने-सामने:मंजू हुड्डा बोलीं- बिना एजेंडा कैसे होगी मीटिंग, सरकार को भेजी 188 कार्यों की लिस्ट

पत्रकार वार्ता करते हुए जिला परिषद की चेयरपर्सन मंजू हुड्‌डा

रोहतक में विकास कार्यों को लेकर जिला परिषद की हाउस मीटिंग न होने पर जिला पार्षद और चेयरपर्सन आमने-सामने आ गए हैं। बुधवार को जिला परिषद की चेयरपर्सन मंजू हुड्डा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि वह खुद हाउस की मीटिंग बुलाना चाहती हैं। इसके लिए सभी जिला पा

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लेकिन सूची न मिलने के कारण बिना एजेंडे के हाउस की मीटिंग नहीं हो सकती। इससे पहले मंगलवार को जिला पार्षदों ने हाउस मीटिंग करवाने के लिए विकास भवन में धरना दिया था। आरोप लगाया कि विकास के लिए 19 करोड़ रुपये आए थे, जिसमें से एक रुपये का भी विकास कार्य नहीं हुआ।

सरकार को भेजी 188 कार्यों की सूची

इस पर रोहतक जिला परिषद की चेयरपर्सन मंजू हुड्डा ने कहा कि उनका उद्देश्य भी विकास कार्य करना है। वे भी चाहती हैं कि सदन की बैठकें आयोजित की जाएं। उन्होंने पार्षदों से भी अपने क्षेत्र में विकास कार्यों की सूची देने को कहा है, ताकि उनकी भौतिक दृश्यता दिखाई दे और उन कार्यों को कराया जा सके।

बिना एजेंडे के सदन की बैठक कैसे हो सकती है? इसके अलावा उन्होंने मनरेगा में 188 कार्यों की सूची सरकार को भेजी है, जो पूरे जिले में कराए जाएंगे। वहीं, जन संवाद पोर्टल पर आए 117 कार्य तैयार हो चुके हैं।

साथ ही, सांसद और विधायक के 12.45 करोड़ के कार्य तैयार हैं। अब जिला परिषद को उनके क्षेत्र में कराए जाने वाले विकास कार्यों के लिए तीन बार पत्र लिखा जा चुका है। 28 जून को भी पत्र लिखा गया था, लेकिन उसके बाद भी कार्यों की सूची नहीं मिली।

जिला विकास भवन में मंगलवार को धरना देते हुए जिला पार्षद

जिला विकास भवन में मंगलवार को धरना देते हुए जिला पार्षद

जिला परिषद के पास 4 करोड़ का फंड
चेयरपर्सन मंजू हुड्‌डा ने कहा कि इससे पहले 12 फरवरी को हाउस की मीटिंग हुई थी। जिसमें पास हुए कामों पर भी पार्षदों ने हस्ताक्षर तक नहीं किए, जिसके कारण वे काम भी अटक गए। उन्होंने कहा कि 16 करोड़ रुपए के काम हो चुके हैं। वहीं फिलहाल 2023-24 वित्तीय वर्ष का करीब 4 करोड़ रुपए जिला परिषद के पास बकाया है। वहीं 2024-25 वित्तीय वर्ष के लिए कामों की लिस्ट तैयार करके फंड की डिमांड भेजनी है।

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